हिंदी लव कोट्स, स्टेटस व शायरी जो आपके दिल को छू लेंगे
रश्मि और अर्जुन की शादी को पूरे 5 साल हो चुके हैं, कल इनकी शादी की सालगिरह है। रश्मि एक साधारण सी दिखने वाली किन्तु बहुत ही समझदार और थोड़ी सी भावुक इंसान है तो वही अर्जुन बिल्कुल रॉक-स्टार की तरह बहुत आकर्षक दिखने वाला, हर-मन प्यारा, हर समय लोगों से घिरा हुआ और चहकता हुआ इंसान है। सुनने में दोनों की एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत महसूस होते हैं पर प्यार के नाम पर दोनों के जज्बात बहुत गहरे हैं (Hindi Love Quotes Status)।
"अरे रश्मि! तुम अकेली बालकनी में बैठी क्या कर रही हो? मैं तुम्हें कब से सारे घर में देख रहा हूँ।" अर्जुन ने सारे घर की तलाश के बाद बालकनी में बाहर का नज़ारा देखती रश्मि को देखा तो अपनी ओर उसका चेहरा घुमाकर पूछने लगा।
"बस कुछ नहीं, थोड़ी देर अकेले रहने का मन था" रश्मि ने कहा।
"अच्छा अकेले रहने का मन था मैं घर पर हूँ, फिर भी?" अर्जुन ने बड़े प्यार से रश्मि का हाथ पकड़ते हुए कहा।
अच्छा छोड़ो यह बताओ तुम मुझसे गिफ्ट में क्या लोगी कल हमारी एनिवर्सरी है ना?
"ओ! वाह, तुम्हें याद है?" रश्मि से हँसते हुए पूछा।
“हाँ हाँ भई, मुझे याद है। इस दिन को भला मैं कैसे भूल सकता हूँ, इसी दिन तो तुम पूरी तरह से मेरी हो गई थी न" अर्जुन ने रश्मि को अपनी बाहों के घेरे में भरते हुए कहा।
"चलो अब जल्दी से बताओ तुम्हें क्या चाहिए, हर बार की तरह इस बार भी हम दोनों शॉपिंग पर चलेंगे, जो तुम्हें पसंद हो वो तुम ले लेना" अर्जुन ने कहा।
रश्मि ने मंद सी मुस्कान से अर्जुन की ओर देखते हुए कहा, "तुम मुझे मेरी पसंद का तोहफ़ा देना चाहते हो न? तो इस बार मुझे कुछ बहुत खास चाहिए, दोगे?" अर्जुन से हाँ में पलकें झपकाते हुए रश्मि की इच्छा जाननी चाही।
रश्मि ने फिर बालकनी से बाहर दूर तक पसरी चमकती रोशनी की ओर देखते हुए कहा मुझे एक रोमांटिक शायरानी (Love Romantic Shayari)शाम चाहिए।
"अच्छा तो ठीक है इसमें क्या है कल शाम कुछ दोस्तों को बुलाकर पार्टी करते हैं जिसकी थीम रोमांस विथ शायरी (Hindi Love Lines)रख लेते हैं" यह कहते हुए अर्जुन ने तुरंत ही प्लानिंग करनी शुरू कर दी और रश्मि को एक प्रसिद्ध शायरी (Hindi Quotes on Love) सुनाई:
ये इश्क़ नहीं आसां बस इतना समझ लीजीये,
इक आग का दरिया है और डूब के जाना है ।।
"ओह हो अर्जुन, ऐसे नहीं, मुहब्बत के ज़ज़्बात लोगों के बीच नहीं बल्कि केवल तुम्हारे और मेरे बीच ही रहने दो न" रश्मि ने कहा।
अर्जुन ने रश्मि की भावनाओं को समझकर कहा, "अच्छा चलो तुम खाना लगाओ मैं तैयारी करता हूँ और हम आज रात 11 बजे हमारी शादी की 5वीं सालगिरह की पूर्व संध्या पर शायराना अंदाज़ के साथ मिलते हैं, ठीक है। और हाँ सुनो मोहतरमा, ज़रा थीम के हिसाब से सज धज के आना।" दोनों खिलखिला कर हँसने लगे।
ठीक 11 बजे रश्मि हलके गुलाबी रंग के सितारों से सजे सुंदर पारम्परिक परिधान में खुले बालों के बीच मांग टीका सजाये, गालों पर सुर्खी, आँखों में गहरा काजल और होठों पे रसीले बेरी शेड का ग्लॉस लगाए, अपनी कलाईयों की खनकती चूड़ियों वाले हाथों से अपने बालों को सवारती हॉल में आई तो उसे देखते ही अर्जुन बोले बिना रह न सका:
वो आये घर में हमारे ख़ुदा की कुदरत है
कभी हम उनको कभी अपने घर को देखते हैं।
- मिर्ज़ा ग़ालिब
अर्जुन:
हम तो फनाह हो गए उसकी ऑंखें देख कर ग़ालिब ,
न जाने वो आईना कैसे देखते होंगे
- मिर्ज़ा ग़ालिब
रश्मि:
हुस्न के समझने को उम्र चाहिए जानाँ,
दो घड़ी की चाहत में लड़कियाँ कहाँ खुलतीं हैं।
- परवीन शाकिर
रश्मि:
उस हद तक मुहब्बत की है मैंने तुमसे मेरे हम-दम,
कि तेरी हर बात में रब सा ख़ुलूस पाती हूँ ।।
आइये मेमसाहेब, आपका आज की शायराना शाम ....ज़ज़्बाते इश्क़…. में बहुत बहुत स्वागत है। अर्जुन ने हॉल को शानदार सजाया है, ज़मीन पर आमने-सामने बिछोना लगा कर कुशन्स लगाए हुए हैं, सब बड़ी लाइट्स बंद करके चारों तरफ टिम-टिमाते तारों की तरह चमकती रंग बिरंगी सीरीज, दूर-दूर कहीं-कहीं रखे कांच के लैम्प्स में सुलगती मोमबत्तीयाँ और महकते रजनीगंधा और लाल गुलाब के गुलदस्ते, सामने बालकनी से दूर तक दिखता शहर और खूबसूरत लखनवी कुर्ते पायजामे में सजे खुद अर्जुन, सब कुछ कमाल लग रहा है।
रश्मि की आँखें यह सब देख कर खुशी से चमक उठी हैं। उधर अर्जुन अपनी कामकाजी अंदाज के रहते कभी कबार रश्मि को जो नज़रअंदाज़ कर दिया करते हैं और जिसके चलते आज रश्मि ने अर्जुन से अर्जुन का समय और प्यार भरा साथ तोहफ़े में माँगा है, इस बात को समझते और रश्मि की भावनाओं की कदर करते हुए इस शाम का आगाज़ कुछ इस तरह करते हैं,
अर्जुन:
जिस दिन तेरा ज़िकर दिन में छूट जाता है,
रातों को कज़र समझ कर जाग लेता हूँ।
रश्मि :
कहीं रुस्वा न कर देना मुहब्बत को मेरी जाना,
तेरी निगाहों के कोनों से चुने हैं अश्क मैंने ही।
अर्जुन:
ज़रा सोच कर रखना हमारे सल्तनत में कदम मेरे सनम,
ये मेरी मोहब्बत की कैद है इसमें जमानत नहीं होती…
रश्मि :
कोई हद ही नहीं शायद मोहब्बत के फ़साने की,
सुनाता जा रहा है, जिसको जितना याद होता है...
- जिगर मुरादाबादी
अर्जुन :
“सीने में धड़कता जो हिस्सा हैं….
उसी का तो ये सारा किस्सा हैं..!!”
- गुलज़ार
रश्मि :
मेरी मोहब्बत ही देखनी है तो गले लगाकर देखो
अगर धड़कन ना रुक जाये तो मोहब्बत ठुकरा देना मेरी!
अर्जुन :
मेरी ज़िंदगी मेरी जान हो तुम,
मेरे सुकून का दूसरा नाम हो तुम।
रश्मि :
मुहब्बत ज़िंदा है अपनी एक दूजे की फ़िक्र में,
इन फसलों से कह दो गुरूर छोड़ दें अपना।
अर्जुन :
चाहने वाले तो मिलते ही रहेंगे तुमको हर रोज़,
तुम जिसे भूल न पाओ वो चाहत यक़ीनन मेरी होगी।
रश्मि :
अब तो इस राह से वो शख़्स गुजरता भी नहीं,
अब किस उम्मीद पे दरवाज़े से झाँके कोई…
- जॉन एलिया
अर्जुन :
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते।
- गुलज़ार
रश्मि :
तुमसे कोई शिकायत करूँ तो कैसे करूँ,
जो लिख कर करूँ गुज़ारिश तो कैसे करूँ,
कि स्याही के हर कतरे में तेरे ही प्यार का रंग है,
प्यार के नाम को खुद ही बदनाम करूँ तो कैसे करूँ।
अर्जुन :
कैसे कहें कि तुझको भी हमसे है वास्ता कोई,
तूने तो हमसे आज तक कोई गिला नहीं किया।
- जॉन एलिया
रश्मि :
ख्वाबों की तरह पालक झपकते ही आकर चले जाते हो,
तुफानो की तरह ज़ज़्बातों को हिलाकर चले जाते हो ,
जाते हो तो जाओ आखिर तुम्हें रोका किसने है ,
गिला यही है कि, गले लगाकर तनहा छोड़ जाते हो।
अर्जुन :
कोई दीवाना कहता हैं, कोई पागल समझता हैं,
मगर धरती की बैचेनी को, बस बादल समझता हैं,
मैं तुझसे दूर कैसा हुँ , तू मुझसे दूर कैसी हैं,
ये तेरा दिल समझता हैं, या मेरा दिल समझता है।
- कुमार विश्वास
रश्मि :
मुहब्बत एक एहसासों की, पावन सी कहानी है,
कभी कबीरा दीवाना था, कभी मीरा दीवानी हैं,
यहाँ सब लोग कहते हैं, मेरी आँखों में आँसू हैं,
जो तू समझें तो मोती हैं, ना समझें तो पानी हैं।
- कुमार विश्वास
अर्जुन :
समंदर पीर का अंदर हैं, लेकिन रो नहीं सकता,
ये आँसू प्यार का मोती हैं, इसको खो नहीं सकता,
मेरी चाहत को अपना तू बना लेना, मगर सुन ले,
जो मेरा हो नहीं पाया, वो तेरा हो नहीं सकता।
- कुमार विश्वास
रश्मि :
की ब्रह्मर कोई कुमुदनी पर, मचल बैठा तो हंगामा,
हमारे दिल में कोई ख़्वाब पर बैठा तो हंगामा,
अभी तक डूब कर सुनते थे सब किस्से मुहब्बत के,
मैं किस्से को हक़ीकत मैं बादल बैठा तो हंगामा।
- कुमार विश्वास
अर्जुन :
प्यार तो बहुत है, पर ज़ज़्बात कुछ अलग है,
प्यार के एहसास का अंदाज़ कुछ अलग है ....
रश्मि :
रख लेना दिल के कोने में कोई तस्वीर मेरी,
देख लेना बंद आँखों से कभी ताबीर मेरी,
इक याद अगर बन जाऊं तो किस्मत ये मेरी,
मौत के बाद भी जी पाऊँ तो इनायत हो तेरी।
अर्जुन :
निगाहों से छुप कर कहां जाइएगा,
जहां जाइएगा हमें पाइएगा।
- जिगर मुरादाबादी
रश्मि :
वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा,
मसला फूल का है फूल किधर जाएगा।
- परवीन शाकिर
अर्जुन :
चलने का हौसला नहीं रुकना मुहाल कर दिया
इश्क़ के इस सफ़र ने तो मुझ को निढाल कर दिया।
- जॉन एलिया
रश्मि :
कुछ तो हवा भी सर्द थी कुछ था तेरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ साथ होता रहा मलाल भी
- जिगर मुरादाबादी
अर्जुन :
दिल की हर धड़कन तेरा ही नाम लेती है,
मानो हर घड़ी अब तू ही मुझ-में सांस लेती है।
जब भी तेरा ख़्वाब, मेरी आँखों में समाता है,
रात भी दिन से लम्हें मांग लेती है।
रश्मि :
अच्छा सुनो,
तुम समझदार हो बहुत इसमें कोई शक तो नहीं
बस तुमने नासमझी की कसम सी खा रखी है…
ज़माने भर में तुम्हीं तो हो पर गुमान करती हूँ
और तुम हो कि,
आकर मेरे पहलु में सब हारकर बैठ जाते हो......
अर्जुन :
सूरत दिखा के फिर से मुझे बेताब कर दिया
इक लुत्फ़ आ चला था ग़म-ए-इंतज़ार में
- जिगर मुरादाबादी
रश्मि :
मोहब्बत में क्या-क्या मुक़ाम आ रहे है,
कि मंज़िल पे हैं और चले जा रहे हैं।
- जिगर मुरादाबादी
अर्जुन :
पता है मुझको जूझ रही हो सपनों के संग नींदों में,
मुझे भी अपने साथ ले चलो गुप् शूप करने सपनों में,
आओ हाथ पकड़ लो मेरा दूर तक पैदल चलते हैं,
मुझे यक़ीं हैं तुम भी मुझ संग खूब हंसोगी सपनों में।
रश्मि :
ऐ चाँद, तेरी चांदनी उनके चेहरे पर चुप-के से बिखेर देना,
मैं निहार लूँ उन्हें कुछ पल, उनकी नींद न उखाड़ने देना,
बड़ी मासूमियत से सोये हैं वो, थकन अपनी मिटाने को,
मैं भी बैठ लूँ सिराहने पर प्यार अपना जताने को।
अर्जुन :
नींद खुले तो नींद से कहना कोई तुमपे मरता है,
तेरा चेहरा देख देख के उन्हें भरता रहता है।
रश्मि :
अच्छा सुनो, मैं रूठ जाऊँ कभी तो मना लेना,
कुछ न करना बस सीने से लगा लेना।
अर्जुन :
तू जो हक़ से कभी मुझसे यूँ लिपट जाती है,
सीने में मेरे मुहब्बत की लहर दौड़ जाती है।
रश्मि :
बंद आँखें कर उंगलियों से तुझे छू लुंगी,
तेरे चेहरे को अपनी आगोश में ले लूंगी।।
अर्जुन :
यूँ दाँतों तले लबों को दबा लेते हैं वो,
बड़ी अदा से हर खता को छिपा लेते हैं वो।
रश्मि :
नज़र मिला के, मेरे पास आके लूट लिया
नज़र हटी थी, कि फिर मुस्कुरा के लूट लिया
- जिगर मुरादाबादी
अर्जुन :
सुनो, आज न जाने क्यों?
दिल कह रहा है आज तुझे ओढ़ लूँ,
सिमट जाऊँ तेरी आगोश में, तमन्नाओं को मोड़ लूँ ,
उड़ रहीं हैं तितलियाँ और बढ़ रही बेताबियाँ,
आ भी जाओ पास अब मिट जाने दो दूरियाँ।
रश्मि :
तेरी हर अदा मुहब्बत सी लगती है,
पल भर की जुदाई भी मुद्दत सी लगती है।
अर्जुन :
निगाहें आईना बनकर हल दिल का सुनती हैं,
मुहब्बत के छिपे एहसास दुनिया को बताती है।
रश्मि :
कभी रो लेने दो अपने कंधे पर सर रखकर,
के दिल का बवंडर अब संभाला नहीं जाता,
कब तक छिपाये रखें दिल में इन्हें, कि,
आंसुओं का समंदर अब संभाला नहीं जाता।
अर्जुन :
अक्स-ए-ख़ुशबू हूँ बिखरने से न रोके कोई
और बिखर जाऊँ तो मुझ को न समेटे कोई
- जिगर मुरादाबादी
रश्मि :
बेवक्त बेवजह बेसबाब सी बेरुखी तेरी,
फिर भी तुझे बेइंतहा चाहने की बेबसी मेरी।।
अर्जुन :
वो तोड़ गए दिल अब बवाल क्या करें,
खुद की ही पसंद थी अब सवाल क्या करें।।
रश्मि :
मेरे इश्क़ की दास्ताँ कह रही हूँ, निगाहों की मजबूरियां कह हूँ।
हम उनसे निगाहें मिलाने को तरसे, वो गुस्से से नज़रें चराते हैं हमसे।
हम उनसे निगाहें मिलाने को तरसे, वो लेपी पे नज़रें गड़ाएं हैं कबसे।
कभी तो निगाहें मिला लो मेरी जाँ, कभी तो गले से लगा लो मेरी जाँ
ये शामें तेरे बिन तनहा बहुत हैं , ये शामें तेरे बिन तनहा बहुत हैं
कि जी भर के पहलू में बैठो मेरी जाँ, कभी तो घड़ियाँ बिता लो मेरी जाँ।
रश्मि की इन पंक्तियों के बाद अर्जुन और रश्मि ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगे और दोनों ने अपनी शादी की 5वीं वर्षगांठ का केक काट कर एक दूसरे का मुँह मीठा किया और वहीँ एक दूसरे की बाहों में बालकनी के पास आसमान को निहारते हुए चाँद और तारों से बातें करते हुए कब सो गए पता ही नहीं चला। आज दोनों एक साथ बहुत आनंदित है और दोनों ही प्यार भरी शायरियों में गुम हो गए।
कम शब्दों में बड़ी बात कहने की इस कला को ही हिंदी में कविता, इंग्लिश में पोयम और उर्दू में शायरी कहा जाता है। यह भाषा का ऐसा निराला रूप है जिसे लिखने में जितना मज़ा आता है उतना ही इन्हें पढ़ने और सुनने में आनंद की अनुभूति होती है। सीधे सपाट शब्दों में कही गई बात से ज्यादा सुंदर तुक-बंदी में कही गई बात में होती है।
आशा है आपको भी ये रूमानी शायराना सफर पसंद आया होगा, कौन सी शायरी आपको सबसे अच्छी लगी मुझे अवश्य बताइयेगा और आप भी अपने साथी के साथ कभी कबार शायराना तरीके से थोड़ा रूमानी होकर अपने प्यार भरे रिश्ते में ज़रा सा तड़का लगा लिया करो तो रिश्ते में नयी जान आ जाएगी।
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