घरवाली और गृहणियां: एक ही सिक्के के दो पहलू

Last updated 5 Nov 2018 . 1 min read



difference between homemaker housewife difference between homemaker housewife

जब मैं छोटा था तो मेरी मां दिन-रात घर के कामों में जुटी रहती थी। बिना थके और बिना रूके हर काम को आगे बढ़कर करते हुए वो परिवार के हर सदस्य का पूरा ख्याल रखती थी। उस समय में लगभग सभी परिवारों में यही होता था। अधिकांश परिवारों में पिता घर से बाहर निकल कर परिवार के लिये आवश्यक धन कमाते थे और मां घर की जिम्मेदारियां निभाती थी।  यही कारण है कि मेरे पिता को घर का प्रबंधक और मेरी मां को घरवाली मान लिया गया। आमतौर पर जब लोग मुझसे परिवार के बारे में पूछते थे तो मैं बडेÞ घमंड के साथ उन्हें अपने पिता का पद बताता था। लेकिन उन्हीं लोगों को अपनी मां के बारे में बताते हुए मुझे हिचक होती थी और मैं बड़ी धीमी आवाज में बताता था कि वह एक घरवाली हैं। ऐसा नहीं था कि यह बताते हुए मुझे शर्म महसूस होती थी।

दरअसल किसी महिला को घरवाली कहना सही नहीं है। उस उम्र में मुझे लगता था कि वह घर की नहीं बल्कि मेरे पिता की पत्नी थी। इसलिये उनको घरवाली कहे जाने पर मुझे हैरानी होती थी।

जैसे-जैसे मैं बड़ा हुआ, मुझे इस बात का दुख होने लगा।  मुझे लगने लगा कि मेरी मां इन घिसी-पिटी बातों को कैसे मान सकती है? वह सिर्फ किसी की पत्नी होना कैसे स्वीकार कर सकती है? ऐसा करने पर क्या उनकी खुद की पहचान खत्म नहीं हो जायेगी? लेकिन सच यही था कि चाहे इन बातों से उन्हें दुख होता हो या नहीं, मैं उनके लिये इससे अधिक कुछ नहीं कर सकता था कि मैं उन्हें घरवाली न कहूं।

उन बातों को एक लंबा समय गुजर जाने के बाद, जब आज भी देखता हूं कि बच्चे अपनी मां को घरवाली कहते हैं। तब मुझे आश्चर्य होने के साथ महसूस होता है कि एक मां के प्रति हमारे दृष्टिकोण में अधिक बदलाव नहीं आया है। हमारे अधिकतर परिवारों में बिना वेतन वाले कर्मचारी की तरह माताएं घर के कामकाज पूरा करने, परिवार के हर सदस्य का ध्यान रखने के साथ सारी सामाजिक जिम्मेदारियां निभाती हैं। वह कड़ी मेहनत के साथ कार्य करती हैं और प्रत्येक दिन, यहां तक की छुट्टी के दिनों में भी हमें गर्म खाना बनाकर खिलाती हैं, हमारे घर की सफाई करती हैं, और हमारे बिस्तर और शयनकक्ष  को सही करती हैं, लेकिन उनको लेकर हम कभी दूसरा विचार मन में नहीं लाते। आखिर क्यों इन सब कार्यों के लिये हम उन्हें मामूली सा धन्यवाद तक नहीं देते।

एक महिला को घरवाली कहे जाने के संबंध में जब मैंने अपने दोस्तों और जानने वालों से बात की तो उनमे से अधिकतर मेरे विचारों से सहमत थे। उनका कहना था कि वास्तव में उन्होंने अपनी माताओं, पत्नियों, बहनों और बेटियों को धन्यवाद देने के बारे में कभी सोचा तक नहीं।

मैं चाहता हूं कि एक मां के प्रति हमारे नजरिये में महत्वपूर्ण बदलाव आये, और इसकी शुरूआत घर को संभालने वाली महिला के लिये प्रयोग किये जाने वाले शब्द को बदलने से होगी।

घरवाली नहीं, गृहिणी

घरवाली और गृहिणी शब्द के प्रयोग और भावना में थोड़ा अंतर है। बल्कि घरवाली शब्द को कोई मतलब नहीं हैं। एक महिला के लिये इस शब्द का प्रयोग करना ही नहीं बल्कि इस शब्द को बनाये जाने में भी गलती हैं। आॅक्सफोर्ड डिक्शनरी के अनुसार, घरवाली एक विवाहित महिला है जिसका मुख्य कार्य अपने परिवार की देखभाल, घरेलू मामलों की जिम्मेदारी निभाना और घर के कामकाज करना है।

आज के दौर में एक महिला को घरवाली की बजाये गृहिणी कहना ज्यादा उचित है। ऐसा करने से कोई जिम्मेदारी नहीं बढ़ती।  एक घरवाली/गृहिणी की जिम्मेदारियां कभी खत्म नहीं होती। लेकिन घर की देखभाल करने वाली महिला को गृहिणी कहना, उसकी गरिमा और व्यक्तित्व के अनुरूप और उत्साहवर्धक है।

एक मकान को घर बनाने के लिये महिला अपना पूरा जीवन और खून-पसीना लगा देती है। वह उस जगह को बनाती है जिसे परिवार 'घर प्यारा घर'  कहता है। एक घर बनाना, परिवार, बच्चों और रिश्तेदारों के प्रति जिम्मेदारियां पूरी तरह से निभाना, हमारे लिये एक जगह बनाना जिसे हम ‘अपना’ कहते हैं। यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है जिसकी प्रशंसा की जानी चाहिये।

एक महिला के लिये घरवाली की जगह गृहिणी शब्द का प्रयोग किये जाने को लेकर आजकल काफी बहस चल रही है।  यह सवाल करना भी उचित है कि यदि हम महिला को घरवाली की जगह गृहिणी कहने लगें तो क्या महिलाओं के प्रति हमारी सोच में बदलाव आ जायेगा?  यह मानना होगा कि ऐसा होने की संभावना 50-50 हैं!

किसी महिला को घरवाली कहना दम घोंटने वाला है। लेकिन, यदि ऐसा है तो हमें खुद के बारे में किस तरह से बताना चाहिये,  आईये एक ऐसे व्यापक शब्द का चयन करें जो किसी व्यक्ति की पूर्ण झमताओं को जाहिर करता हो।

इससे अनेक युवाओं को उस भ्रम से बाहर निकलने में मदद मिलेगी जिसने मुझे परेशान किये रखा और जिसके प्रभाव को समझने में  मुझे 15 साल लग गये।


15221323361522132336
SHEROES
SHEROES - lives and stories of women we are and we want to be. Connecting the dots. Moving the needle. Also world's largest community of women, based out of India. Meet us at www.sheroes.in @SHEROESIndia facebook.com/SHEROESIndia


Share the Article :

Download App

Get The App

Experience the best of SHEROES - Download the Free Mobile APP Now!